मजबूत रिश्ते चीजो के, लेन -देन से नहीं सच्ची, वे शुभ भावनाओं के, लेन -देन से बनते है, ओम शांति |
हमें अपनी धरती पर प्रत्येक मानवीय कार्य में ‘ सीमाहीनता ‘ की भावना को बढ़ाना होगा। A . P . J . Abdul Kalam
पानी की अपनी याददाश्त है आप इसके साथ, कैसे पेश आते हैं किस तरह के विचार और, भावनाएं पैदा करते हैं उसी के अनुसार वो, आपके शरीर में व्यवहार करता है।
भारत में राष्ट्रीयता की भावना, का विकास तब तक नहीं होगा, जब तक खान -पान एवं, वैवाहिक सम्बन्धों पर जातीय, बंधन बने रहेंगे | Jyotiba Rao Phule